Have you ever met someone, like truly?
If yes, think again and meet them again!!! 🙂
कुछ मुलाकाते दिलो में मेहफूज़ रहती है,
सालो बाद भी हुई वह बाते साफ़ सुनाई देती है,
चेहरे बदल जाते है, पर आंखे वही कहती है,
कुछ मुलाकाते दिलो में मेहफूज़ रहती है.
मिलते बोहत है और बोहत मिलेंगे,
सब अपनी वकालत करेंगे,
चेहरे को ही दिल समझ लेंगे,
और सच कहते ही रास्ता बदल लेंगे,
पर कुछ मुलाकाते दिलो में मेहफूज़ रहती है.
क्युकी वह दिल से रूबरू करा जाती है,
प्रतियोगिता नहीं, पर एक दूसरे क प्रति,
बातो का एक पुल्ल बना जाती है,
शायद इसीलिए कुछ मुलाकाते दिलो में मेहफूज़ रहती है..
मुलाकात उससे कहते है जहा जानना और जनाया जाता है,
जनाने में तोह कोई कमी नहीं रहती पर जानना हार जाता है,
अनंत में हम खली हाथ रह जाते है,
क्युकी हम मुलाकात कर ही नहीं पते है.
क्युकी हमने दूसरे को समझने की कोशिश की,
क्युकी उस दूसरे ने हम जानने की कोशिश की,
इसीलिए वह बात आज भी कही गूंजती है,
शायद इसिलए कुछ मुलाकाते दिलो में मेहफूज़ रहती है
Wahhh, Love this!
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Thanks Pooja 🙂
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