लिखने वाले की लिखाई तराशो,
क्युकी आँखों का रिश्ता दिल से कुछ खास है.
दिल की फरमाइश पूरी कर सके,
उस नायाब की इन आँखों को तलाश है.
आँखों से खुश और कानो से खफा यह दिल,
दुसरो की बाते सुनके नासाज़ हो गया है.
अब तोह कानो को भी दे दिया यह पैगाम की,
छोड़ दो सुंनना क्युकी दिल संभल गया है.
संभल गया है क्युकी अब देखना सीख गया है,
खुद की आवाज़ का आगाज़ हो गया है,
कानो से नियत नहीं समझ आती,
इसीलिए आंखे से जीना सीख गया है.
मैंने आँखों को इसीलिए है चुना,
क्युकी कानो ने बोहुत किस्से है सुने.
सबकी बातो को दिल तक पौंछने दिए, यह है कानो का गुनाह,
खुद की आवाज में कवी हम बने है.
जानते हो दिल और आँखों का रिश्ता क्यों खास है?
क्युकी आँखों ने दिल को रोने दिया.
बेहतरीन रचना।👌👌
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Thank you so much. 😊
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