रेत

My identity is through my words and my genuinity is in my eyes. Hear to know and see to believe.

 

kka

 

रेत

कहते है कलम में तलवार से ज्यादा धार होती है,
रक्त बेह जाता है पर स्याही कहती रहती है.
में एक लेखक हूँ जो रेत से है बना,
सुनने यह रेत क्या कहती है.

जितना बांधोगे उतना में उडूंगा,
अपना रास्ता में खुद चुनूंगा,
सोच हूँ में, मुझे पकड़ नहीं सकोगे,
सच बोलू तोह शायद पूरी तरह समझ नहीं सकोगे.

आइना हूँ में जो सच दिखाता है,
खुद की गलती से दुसरो को सिखाता है,
नहीं जनता मुझे कौन कब पढ़ेगा,
लेखक वह है जो हमेशा सच कहेगा.

खुश करना मेरी फितरत नहीं,
दुःख देना मेरा पेशा नहीं,
दिखावट के परे दिखा सकू, रेत हूँ,
सच को शब्दों में उतार सकू, तभी में एक लेखक हूँ.

8 responses to “रेत”

  1. Pooja Avatar

    Touched, speechless 👌👍

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  2. अनिता शर्मा Avatar

    बहुत खूब 👌🏼👌🏼😊

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  3. Gayatri S. Avhad Avatar

    बढ़िया निशांत जी

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  4. Gayatri S. Avhad Avatar

    Audio 👏👏 superb
    Writing 👏👏 superb
    Words mind blowing

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    1. Nishant Gang Avatar

      Thanks Gayatri 🙂

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  5. Mahavish Avatar

    लाजवाब 🙏🙏

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