चाहे जो भी हो

Just smile at the end of the day, that’s all. It’s that simple.

यह कहानी उसकी है जो कभी हारा नहीं,
एक ऐसा शख्स जिसे कोई समझ पाया नहीं.
यह किस्सा है उसका जो आज भी है कही,
कौन है और कहा है वह बात जरूरी नहीं.

कठिनाइया उसने भी बोहत है उठाई,
पर फिर भी चेहरे से हसी उसने नहीं गवाई.
हर रात तारो के सामने हुई उसकी सुनवाई,
पर वह सिर्फ मुस्कुराया, यह बात न समझ आई.

ऐसा नहीं है की उससे ज़िन्दगी ने घसीटा नहीं,
चोट उससे भी लगी, आंसू उसके भी बहे.
पर फिर भी वह उस रस्ते वापिस गया,
क्युकी उसकी मंज़िल वही थी कही.

यह कहानी उसकी है जो कभी हारा नहीं,
चाहे जो भी हो दिन के आखिर में वह मुस्कुराया कही.
क्युकी हार को उसने अपनाया ही नहीं,
उसने खुद को समझा क्युकी दुसरो को कोई समझ पाया नहीं.

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An engineer who finds joy, comfort and peace by writing poems and strumming chords. Come, let me take you to an alternate reality.

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