Who said that Sea doesn’t cry?
It just accepted the tears that’s all.
किसने कह दिया यह तुमसे,
कि समुन्द्र अब रोता नहीं.
बस आंसुओ को अपना लिया है.
जब लहरें उठती है कहीं,
अपने आप को समेट लेता है,
और बह जाता है कहीं दूर, सबसे दूर.
सौगात छोड़ जाता है अपनी,
जो तटों में मिट्टी कहलाती है,
और वह मोती भी यूँही,
कहीं पड़ी रह जाती है.
मुँह मोड़ लेता है मगर साथ नहीं छोड़ता,
समुन्द्र का दिल छोटा नहीं होता,
किस्मत ही ऐसी है कि कोई अपना नहीं होता.
किसने कह दिया यह तुमसे,
कि समुन्द्र अब नहीं रोता ?
बहुत ही खूबसूरत रचना।👌👌
किसने कह दिया यह तुमसे,
कि समुन्द्र अब रोता नहीं.
बस आंसुओ को अपना लिया है.
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Thank You so much :). I am glad you liked it.
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