Caring has many forms.
उन्होंने सोचा यह संभाल नहीं पायेगा,
अकेला दर्द उठा नहीं पायेगा,
ज्यादा दूर चल नहीं पायेगा,
हार के वापिस यही आएगा.
आंसू उसके कमजोर लगे,
समझने वाले भी समझ न सके,
बिना कोई बात कहे,
चल दिए सब अपने रास्ते.
अरे वह तो उनमें से था जो सबको संभालता था,
रोके भी हार नहीं मानता था.
हमेशा अपनों का साथ देता था,
खुद बुरा बनके अपनों को समझा लेता था.
उसकी तो राह हमेशा से ही अलग थी,
जिसमें उसने खुद संघर्ष लिखी थी,
सच्चे दिल को समझ सके ऐसी किसकी समझ थी?
वह खुद था अपने साथ, उसे किसकी कमी थी?
वह रोया जरूर पर वापिस नहीं आया.
अपना रास्ता उसने फिरसे बनाया.
जब जब जरुरत पड़ी उसने दुसरो का समझाया,
और चलता रहा चुप चाप जैसे की कोई साया
It is too good…..😊😊
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Thanks Era. Happy that you liked it. 🙂
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सच्चे दिल को समझ सके ऐसी किसकी समझ थी?
वह खुद था अपने साथ, उससे किसकी कमी थी?
Aksar aise logo ko log samjh nahi paate…..behtarin kavita.
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Yes, true. Thanks for the appreciation. 🙂
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heart touching man…🙏
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Thanks 🙂
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I also writes poem
and I have posted my first blog
in english
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